समकालीन जनमत

Category : स्मृति

स्मृति

प्रोफ़ेसर मैनेजर पांडेय को विदाई सलाम: जसम

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे हिंदी के मूर्धन्य आलोचक मैनेजर पांडेय का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। आज...
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‘ स्मृतियों के आइने में अरुण पांडेय ’ का विमोचन

समकालीन जनमत
नई दिल्ली। गांधी शांति प्रतिष्ठान के खचाखच भरे हाल में वरिष्ठ पत्रकारों, मीडिया कर्मियों, राजनीतिक व सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, प्रोफेसरों, वकीलों तथा विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत...
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अखिलेश मिश्र : एक जन बुद्धिजीवी

कौशल किशोर
अखिलेश मिश्र जन्मशती (20.10.2022) पर स्मृतियों के लोप के इस दौर में अखिलेश मिश्र को याद करना वर्तमान के संघर्ष का हिस्सा है। यह उनका...
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नई कहानी के अप्रतिम कहानीकार शेखर जोशी नहीं रहें।

समकालीन जनमत
अच्युतानंद मिश्र नई कहानी के अप्रतिम कहानीकार शेखर जोशी नहीं रहें।याद आता है 2012 में जबलपुर में उनसे मुलाकात हुई थी। उनसे बात करते हुए...
ख़बरस्मृति

शोक सभा में इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई

मऊ। राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ पर आयोजित बैठक में देश के जाने-माने रंगकर्मी, निर्देशक, नाट्य एवं फिल्म अभिनेता, लेखक, इतिहासकार व इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष...
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ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे

मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी   ( उर्दू के महान हास्य-व्यंग्य लेखक मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी द्वारा लिखित यह लेख (संस्मरण) उनकी अंतिम किताब “शाम-ए-शेर-ए-याराँ (1914) से लिया...
स्मृति

“ मैं जिन्दा हूँ, जिन्दा रहूँगा/भेष बदल सकता हूँ/उद्देश्य नहीं/चित्र बदल सकता हूँ,/चरित्र नहीं ”

कौशल किशोर
पांच जुलाई को जब लखनऊ के बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता चिन्हट क्षेत्र में एकत्र होकर 1857 में अवध खासतौर से लखनऊ की जनता के बहादुराना संघर्ष...
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‘ चाँद की बातें चलती रहेंगी, सूरज की बातें चलती रहेंगी ’

समकालीन जनमत
युवा चित्रकार राकेश दिवाकर की याद में लिया गया संकल्प आरा: स्थानीय रेडक्रॉस सभागार में 29 मई को जन संस्कृति मंच की ओर से चित्रकार,...
स्मृति

‘ दुनिया को ख़ूबसूरत बनाने के लिए देखे जा रहे सपने और संघर्ष मेरे चित्र के विषय हैं ’

समकालीन जनमत
( हाल में दिवंगत युवा चित्रकार, कवि, रंगकर्मी, समीक्षक और कला-शिक्षक राकेश कुमार दिवाकर ने पाँच वर्ष पहले 7 सितंबर 2016 अपनी चित्रकला के बारे...
स्मृति

राकेश दिवाकर ने चित्रकला को जनता के सवालों से जोड़ा

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय पार्षद और ‘कला कम्यून’ के संस्थापक चित्रकार राकेश दिवाकर का सड़क दुर्घटना में निधन राकेश दिवाकर आधुनिक चित्रकला, खासकर जनपक्षीय...
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जनमुक्ति के संघर्ष व स्वप्न का कवि विजेन्द्र

कौशल किशोर
स्मृति दिवस 29 अप्रैल   पिछले साल आज के दिन 29 अप्रैल को हमने अपना अग्रज साथी, सहयोद्धा, लोकधर्मी कवि और साहित्य चिन्तक विजेन्द्र को...
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रामनिहाल गुंजन : मेरा जीवन और मेरा परिवेश

( रामनिहाल गुंजन जी ने अपने जीवन की यह दास्तान समकालीन जनमत के संपादक मंडल के सदस्य सुधीर सुमन के बहुत अनुरोध पर लिखी थी।...
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रामनिहाल गुंजन : कभी खत्म नहीं होती हैं शब्द यात्राएँ

सुधीर सुमन
रामनिहाल गुंजन हिन्दी की प्रगतिशील-जनवादी आलोचना के सुपरिचित नाम थे। उनका जन्म 9 नवंबर 1936 को हुआ था। वे हिन्दी के ऐसे आलोचक थे, जो...
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संगठन और आन्दोलन के व्यक्ति थे सुरेश पंजम

कौशल किशोर
प्रथम स्मृति दिवस 25 अप्रैल ‘ वे नष्ट कर सकते हैं/तमाम फूलों को पर बसंत को आने से/वे रोक नहीं पायेंगे ’  यह सुरेश पंजम...
स्मृति

‘ लेखन व जीवन की समरूपता के प्रतीक थे रामनिहाल गुंजन ’

आरा। जाने माने आलोचक, कवि रामनिहाल गुंजन की स्मृति में जन संस्कृति मंच , भोजपुर-आरा की ओर से स्थानीय बाल हिंदी पुस्तकालय में रविवार की...
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जीवन के रंग और राग में सराबोर है लालसा लाल तरंग का साहित्य

कौशल किशोर
12 अप्रैल स्मृति दिवस पर कोरोना महामारी के दौरान हमने साहित्य व समाज के ऐसे महत्वपूर्ण लोगों को खोया है जिनकी बेहद जरूरत थी। दूसरी...
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कामरेड सी बी सिंह सबके प्रिय और जरूरी थे

कौशल किशोर
कामरेड सीबी सिंह नहीं रहे। उनका निधन मऊ में हुआ। वे मूलतः बलिया के रहने वाले थे। 1970 के दशक में वे लखनऊ आए और...
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अपराजिता चली गईं, लेकिन अलबेलियाँ रहेंगी!

आशुतोष कुमार
नवाचारी कलाकार और हिंदी की लोकप्रिय अध्यापिका अपराजिता शर्मा के आकस्मिक निधन से हिंदी के युवा संसार में शोक की लहर है। अपराजिता दिल्ली विश्वविद्यालय...
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दलितों की प्रगतिशील परंपरा के संवाहक मुकेश मानस

ऐसे समय में जब फासीवादी ताकतें मजबूत हो रही हैं मुकेश मानस जैसे जनपरस्त प्रगतिशील योद्धा का जाना दलितों की प्रगतिशील धारा के लिए एक...
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मुकेश मानस का जाना साहित्यिक समाज के लिए बड़ी क्षति -जन संस्कृति मंच

राम नरेश राम
प्रगतिशील दलित साहित्यकार, जनसंघर्षों में हम सबके साथी मुकेश मानस नही रहे। वे सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के एसोसिएट प्रोफेसर थे। जब भी...
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