ज़ेर-ए-बहसआपके पाँव देखे..बहुत हसीन हैं, इन्हें ज़मीन पर मत उतारिएगा…क्यों?समकालीन जनमतFebruary 16, 2021February 16, 2021 by समकालीन जनमतFebruary 16, 2021February 16, 202101927 रूपाली सिन्हा उनके पाँव….. आपके पाँव देखे..बहुत हसीन हैं….इन्हें ज़मीन पर मत उतारिएगा…मैले हो जाएँगे…नायिका कागज़ के पुर्ज़े की लिखाई को बार-बार पढ़ती, सुर्ख़ होकर...
चित्रकलायूसुफ : वैयक्तिक स्वतंत्रता के स्वप्नदर्शी कलाकारराकेश कुमार दिवाकरFebruary 16, 2021February 16, 2021 by राकेश कुमार दिवाकरFebruary 16, 2021February 16, 202102028 समकालीन कला के परिप्रेक्ष्य में यूसुफ की रचनाएं एक जरुरी तत्व की तरह हैं। उनकी रचनात्मक उपस्थिति समकालीन कला जगत में मौजूद उद्दाम स्वतंत्रता की...