समकालीन जनमत

Tag : Ramji Rai

साहित्य-संस्कृति

मुक्तिबोध पुनर्निर्माण नहीं, बल्कि नया निर्माण चाहते हैं : देवी प्रसाद मिश्र

समकालीन जनमत
पटना। आईएमए हॉल, पटना में 31 मार्च को जन संस्कृति मंच और समन्वय की ओर से ‘स्वदेश की खोज और मुक्तिबोध’ विषय पर परिचर्चा और...
स्मृति

गरीबों, मजदूरों के अगुवा नेता थे कामरेड अलाउद्दीन शास्त्री -रामजी राय

पीलीभीत। पूरनपुर के पंचम दास इंटर कालेज में भाकपा माले द्वारा आयोजित कामरेड अलाउद्दीन शास्त्री की श्रद्धांजलि सभा में भाकपा माले और विभिन्न धाराओं से...
शख्सियत

कामरेड ज़िया भाई ज़िंदाबाद !

रामजी राय
( 28 सितम्बर 1920 को इलाहाबाद के जमींदार मुस्लिम परिवार में पैदा हुए ज़िया –उल-हक़ ने अपने जीवन के सौ साल पूरे कर लिए हैं....
जनमतशख्सियतस्मृति

“यह थी भूमिका हम-तुम मिले थे जब” मुक्तिबोध स्मरण (जन्मदिन 13 नवम्बर)

रामजी राय
मुक्तिबोध और उनकी कविता के बारे में लोग कहते हैं कि वो विकल-बेचैन, छटपटाते कवि हैं. लेकिन देखिये तो दरअसल, मुक्तिबोध कविता की विकलता के...
जनमतस्मृति

खैनी खिलाओ न यार! उर्फ़ मौत से चुहल (सखा, सहचर, सहकर्मी, कॉमरेड महेश्वर की एक याद)

रामजी राय
अपने प्रियतर लोगों- कृष्णप्रताप (के.पी.), गोरख, कामरेड विनोद मिश्र, महेश्वर पर चाहते हुए भी आज तक कुछ नहीं लिख सका। पता नहीं क्यों? इसकी वज़ह...
जनमत

विकास, विस्थापन और साहित्य (संदर्भ झारखंड)

रामजी राय
आज इस बात में किसी को कोई संदेह नहीं रह गया है कि ग्लोबल पूंजीवाद के लाभ-लोभ के चलते दुनिया में गरीबी और पर्यावरण का...
जनमत

फासीवाद के खिलाफ संघर्ष में मार्क्स के विचार से बेहतर विचार नहीं- दीपंकर भट्टाचार्य

समकालीन जनमत
क्रोनी पूंजीवाद, सांप्रदायिक विभाजन और मनुवादी के बीच गठजोड़ है. लिचिंग स्थाई परिघटना बना दी गई है. लिचिंग करने वालों को पता है कि उन्हें...
ख़बर

मार्क्स का चिंतन सिर्फ आर्थिक नहीं सम्पूर्ण मनुष्यता का चिंतन है: रामजी राय

समकालीन जनमत
मार्क्स ने मुनष्य को एक समुच्चय में नहीं एक सम्पूर्ण इकाई के रूप में समझा और कहा कि वह एक ही समय में आर्थिक, राजनीतिक,...
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