समकालीन जनमत

Tag : Nirvasan

कवितासाहित्य-संस्कृति

मैंने स्थापित किया अपना अलौकिक स्मारक (अलेक्सान्द्र सेर्गेयेविच पुश्किन की कविताएँ)

उमा राग
 मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह; टिप्पणी : पंकज बोस पुश्किन के बारे में सोचते ही एक ऐसा तिकोना चेहरा जेहन में कौंधता है...
नाटक

पटना में प्रेमचंद जयंती पर हिरावल ने ‘निर्वासन’ का मंचन किया

पटना.कथा सम्राट प्रेमचंद जयंती के अवसर पर आज स्थानीय छज्जूबाग में हिरावल के कलाकारों ने प्रेमचंद की कहानी ‘निर्वासन’ का नाट्य प्रदर्शन किया। साथ ही,...
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