साहित्य-संस्कृति ‘ नज़र में कोई मंज़िल है तो मौजे-वक़्त को देखो ’समकालीन जनमतOctober 22, 2019 by समकालीन जनमतOctober 22, 201912171 मशहूर शायर रफ़ीउद्दीन राज़ ने ग़ज़लों और नज़्मों का पाठ किया पटना. आईएमए हाॅल, पटना में जन संस्कृति मंच ने 21 अक्टूबर को मशहूर शायर...
साहित्य-संस्कृति गज़ल ‘बहुलता की संस्कृति’ की रक्षा करने वाली विधा – डा. जीवन सिंहसमकालीन जनमतApril 22, 2019April 22, 2019 by समकालीन जनमतApril 22, 2019April 22, 20194 1803 डी. एम. मिश्र के गज़ल संग्रह ‘वो पता ढूँढे हमारा ’ का विमोचन सम्पन्न दुष्यन्त ने गज़ल को यथार्थपरक बनाया – कौशल किशोर डी. एम....