व्यंग्यसाहित्य-संस्कृति नया भक्ति-सूत्रसमकालीन जनमतDecember 7, 2018December 7, 2018 by समकालीन जनमतDecember 7, 2018December 7, 201801030 औढर अफ़वाह आत्मा की तरह होती है. उसे किसी ने देखा नहीं होता, लेकिन सभी उसमें यकीन करते हैं. अफ़वाह आत्मा की तरह अजर-अमर होती...