समकालीन जनमत

Tag : प्रो. गोपाल प्रधान

पुस्तक

सरकार का अपने ही नागरिकों से युद्ध

गोपाल प्रधान
लेख के शीर्षक से भ्रम सम्भव है कि यह किताब नागरिकता संबंधी कानूनों के बारे में है लेकिन दुर्भाग्य से हमारे देश की सरकार लम्बे...
जनमत

ऐतिहासिक भौतिकवाद क्या है ?: प्रो. गोपाल प्रधान

गोपाल प्रधान
सोवियत संघ के पतन के बाद वैश्वीकरणकरण ही एकमात्र सच नहीं है। पूंजी के हमलावर होने के साथ उसके प्रतिरोधों का सिलसिला चल पड़ा। इस...
ज़ेर-ए-बहसशख्सियत

वंचितों और पराधीन लोगों की ओर से बोलने वाले पहले दार्शनिक थे बुद्ध– प्रो. गोपाल प्रधान

” जिसे बौद्ध दर्शन का दुःखवाद कहा जाता है उसे अगर सामान्य जीवन के अर्थों में परिभाषित करें तो क्या परिभाषा निकलती है कि दुःख...
ज़ेर-ए-बहस

मार्क्सवाद की नवीनता: गोपाल प्रधान

गोपाल प्रधान
(जयपुर में जलेस की ओर से आयोजित कार्यशाला में बोलना साहित्य और विचारधारा पर था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मार्क्सवाद पर जारी काम के...
जनमतशख्सियतस्मृति

प्रेमचंद के स्त्री पात्र: प्रो.गोपाल प्रधान

गोपाल प्रधान
प्रेमचंद का साहित्य प्रासंगिक होने के साथ साथ ज़ेरे बहस भी रहा है । दलित साहित्य के लेखकों ने उनके साहित्य को सहानुभूति का साहित्य...
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