समकालीन जनमत

Tag : निबंध

साहित्य-संस्कृति

खनकने लगी हैं गुल की मोहरें

पीयूष कुमार फिर से दिन आ गए खिल के खिलखिलाते गुलमोहर के। वसंत की अगवानी में सेमल और पलाश की ललाई कम हो गयी थी...
साहित्य-संस्कृति

केस हिस्ट्री: मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी

समकालीन जनमत
यह “निबंध-नुमा भाषण या भाषण-नुमा निबंध” मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी की अंतिम रचना “शाम-ए-शेर-ए-याराँ” से लिया गया है। इसे उन्होंने ‘पाकिस्तान सोसाइटी ऑफ़ फ़िज़ीशियंस’ के वार्षिक...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

पूर्वांचल के जातीय कथाकार हैं विवेकी राय

समकालीन जनमत
(कथाकार विवेकी राय का जन्मदिन 19 नवम्बर को और पुण्यतिथि 22 नवंबर को होती है । विवेकी राय की स्मृति में प्रस्तुत है युवा आलोचक...
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