समकालीन जनमत

Tag : कल्पना

कविता

होती हुई सुबह की तरह कविताएँ

समकालीन जनमत
विनय कुमार लिखने वाले कवियों से भरे हिंदी जगत में कुमार मुकुल एक पढ़ने वाले कवि हैं। उनकी मारक लघु टिप्पणियों से परिचित पाठक भली-भाँति...
जनमतशिक्षा

दीवार पत्रिका के साथ मेरा अनुभव

समकालीन जनमत
महेश चंद्र पुनेठा      वर्ष 2000 के आसपास की बात है डी0पी0ई0पी0 के अंतर्गत सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण में मुख्य संदर्भ व्यक्ति के रूप में...
विज्ञान

सुन्दर कल्पनाएँ सुन्दर यथार्थों की भूमि पर ही लहलहाती हैं

समकालीन जनमत
डॉ. स्कंद शुक्ला शरद की रातें आसमान के हीरों को निहारने के लिए हैं। बरसात अब उतनी नहीं हो रही कि पूरी कालिमा पर मेघाच्छादन...
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