साहित्य-संस्कृति मीर, ग़ालिब, नज़ीर के बग़ैर भारतीय साहित्य की संकल्पना पूरी नहीं -असद ज़ैदीसमकालीन जनमतDecember 30, 2018December 30, 2018 by समकालीन जनमतDecember 30, 2018December 30, 201802682 आगरा. दयालबाग़ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के कला संकाय की ओर से आयोजित ‘गालिब जयंती’ समारोह के मुख्य अतिथि के बतौर बोलते हुए प्रसिद्ध कवि असद ज़ैदी...
साहित्य-संस्कृति हमारी संवेदना को विस्तार देता है साहित्य : प्रोफेसर हरीश त्रिवेदीसमकालीन जनमतAugust 9, 2018August 9, 2018 by समकालीन जनमतAugust 9, 2018August 9, 201803145 वाराणसी. साहित्य चिंतक एवं अंग्रेजी के प्रोफेसर हरीश त्रिवेदी ने कहा है कि साहित्य हमारी संवेदना को विस्तार और निखार देता है. साहित्य दूसरों के...