समकालीन जनमत

Tag : आसिफ़ाओं के लिए

कवितापुस्तक

आसिफ़ाओं के लिए

समकालीन जनमत
पिछले पाँच सालों से देश में जो धर्म-ध्वजा फहर रही है, और सांप्रदायिकता का जो उन्माद लोगों की नसों में घुल रहा है, उसी का...
Fearlessly expressing peoples opinion