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मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड के खिलाफ वाम दलों का 2 अगस्त को बिहार बंद

पटना. मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड, दलितों पर बढ़ते हमले और गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ वामदलों ने संयुक्त रूप से 2 अगस्त को बिहार बंद का आह्वान किया है.

भाकपा-माले, सीपीआई, सीपीआई (एम), एसयूसीआई (सी ), आरएसपी और एआईएफबी  द्वारा संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार संरक्षित-पोषित मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 41 लड़कियों के साथ बलात्कार, कई लड़कियों की गुमशुदगी की घटना ने बिहार को देश-दुनिया में शर्मसार किया है. पटना, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, मुंगेर, छपरा समेत पूरे राज्य के बालिका गृहों से लगातार खबरें आती रही थीं लेकिन सरकार और इसके आलाधिकारी न केवल लापरवाह बने हुए थे बल्कि इन शर्मनाक सेक्स रैकेट नेटवर्क को संरक्षण दे रहे थे. सरकारी संरक्षण का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि इस कांड के सरगना ब्रजेश ठाकुर का नाम उदघाटित होने के बाद भी उसके नाम पर नए बालिका गृह का आवंटन का आदेश सरकार निकाल रही थी. समाज कल्याण मंत्री के पति का नाम आने के बाद भी मंत्री को बर्खास्त करने से सरकार भाग रही है.

संयुक्त बयान में कहा गया है कि मुजफ्फरपुर के भाजपा विधायक और भाजपा कोटे के कैबिनेट मंत्री सुरेश शर्मा का माफिया ब्रजेश ठाकुर से प्रगाढ़ सम्बन्ध जगजाहिर है, बावजूद उसे हटाने का साहस नीतीश नहीं कर रहे हैं. दरअसल एनजीओ को सरकार में भागीदार बनाने की नीतीश सरकार की नीतियों ने बालिका गृहों को सरकारी देखरेख में सेक्स रैकेट और चाइल्ड एब्यूज का केंद्र बना दिया. इन्हीं नीतियों ने सृजन घोटाले, मनरेगा लूट और जीविका-शिक्षा लूट घोटाले को जन्म दिया है.

वाम दलों ने कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार महिला और दलित-गरीब विरोधी सरकार बन गयी है. पूरे राज्य में सरकार दलित-गरीबों का उजाड़ो अभियान चला रही है. खुटौना, सरैया, सहरसा, खगडिया, जमुई, गर्दनीबाग…आदि का विस्तार किया जा रहा है और अपने ही देश में गरीबों को भीषण बरसात में खुले आसमान में रहने को मजबूर किया जा रहा है. वामदलों, महिला संगठनों और नागरिक समाज के धारावाहिक आंदोलन को आगे बढ़ाने के मद्देनजर हमने 2 अगस्त को बिहार बन्द का आह्वान किया है.

वाम दलों ने बिहार बंद का आह्वान करते हुए  समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और भाजपा कोटे के मंत्री, मुजफ्फरपुर के विधायक सुरेश शर्मा को तत्काल सरकार मन्त्रिमण्डल से बर्खास्त करने,  मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा को गिरफ्तार करने, हाइकोर्ट की मॉनिटरिंग में जाँच कराने तथा जाँच के दायरे का विस्तार सभी बालिका गृहों तक करने, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, मधुबनी में बालिका गृह की बालिका के द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अभियुक्त पर कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने, गरीब उजाड़ो अभियान पर तत्काल रोक लगाने, उजड़े परिवारों के लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था करने, दलित-महिला उत्पीड़न पर रोक लगाने और शराबबंदी कानून के तहत राज्य के जेलों में बन्द सभी डेढ़ लाख दलित-गरीबों को 15 अगस्त तक रिहा करने की मांग की है.

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