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वाराणसी में युवाओं की हुंकार-शिक्षा-रोजगार के सवाल पर फेल मोदी सराकार को उखाड़ फेकेंगे

मार्च और सभा के साथ इंकलाबी नौजवान सभा का छठवां राष्ट्रीय सम्मेलन प्रारम्भ

वाराणसी, 15 दिसम्बर। इंकलाबी नौजवान सभा के आह्वान पर देश भर से जुटे हजारों युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मार्च और रैली कर हुंकार भरी। नौजवानों ने शिक्षा और रोजगार के सवाल पर मोदी सरकार पर बुरी तरह फेल होने का आरोप लगाते हुए 2019 के चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।

ये युवा इंकलाबी नौजवान सभा के छठवें राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर वाराणसी में जुटे थे। दोपहर बारह बजे हजारों युवाओं ने कैंट स्टेशन से शास्त्री घाट तक रैली निकाली। युवा पूरे रास्ते ‘ जुमला नहीं जवाब दो, पांच साल का हिसाब दो ’ , ‘ नफरत नहीं रोजगार चाहिए, शिक्षा व अधिकार चाहिए’, ‘ युवाओं ने भरी हुंकार, अब नहीं मोदी सरकार ’ के नारे लगाते हुए चल रहे थे। मार्च का नेतृत्व जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साईं बालाजी,  इंकलाबी नौजवान सभा के महासचिव ओम प्रसाद, आईसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे, सड़क पर शिक्षा आंदोलन चलाने वाले चर्चित युवा नेता मनोज मंजिल, इंकलाबी नौजवान सभा यूपी के सचिव राकेश सिंह कर रहे थे। जोशीले नारों, ढपली के थाप पर गीतों से पूरा बनारस गुंजायमान हो गया। बनारस के प्रमुख मार्गों से होता हुआ यह जुलूस शास्त्री घाट पहुंचा और सभा में तब्दील हो गया। सभा को युवा नेताओं के अलावा भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी सम्बोधित किया।

अपने सम्बोधन में दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार ने रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर किया, भीम आर्मी के नेता चन्द्रशेखर और इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत कुशवाहा को जेल में बंद कर युवाओं की आवाज को दबाने की कोशिश लेकिन वे नौजवान की आवाज को दबा नहीं सके। अभी पांच राज्यों को चुनाव परिणाम आया है उसको ठीक से पढ़ ले तो उसमें युवाओं की हुंकार और किसानों की आक्रोश सुनाई देगा। मोदी राज में सबसे ज्यादा देश के नौजवान को ठगा गया। मोदी सरकार से युवाओं को उम्मीद थी कि वह उनके लिए काम करेंगे लेकिन आज नौजवान ठगा महसूस कर रहे हैं। गुजरात और महाराष्ट में उत्तर प्रदेश और बिहार के नौजवान को पीट-पीट कर भगाया गया। युवाओं के सामने सबसे बड़ा सवाल रोजगार है लेकिन रोजगार के नाम पर अफवाह है, बेरोजगारी है, असुरक्षा है और युवाओं को बंधुआ बनाने की साजिश है। इस सरकार ने युवाओं को किसानों की तरह आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया। आज महंगाई आसमान छू रही है लेकिन आशाओं, रसोईयों, पैरा टीचर और तमाम योजनाओं में काम करने वाले युवाओं, महिलाओं को मामूली वेतन देकर उनके मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ करने का काम किया जा रहा है। एक तरफ मोदी सरकार रोजगार नहीं दे पा रही हो, पढ़ाई के लिए स्कूल-कालेज नहीं दे पा रही है, इलाज के लिए अस्पताल नहीं दे पा रही है लेकिन वह युवाओं को निर्देशित कर रही है कि वह क्या पहने, क्या खाए और कैसे रहे। मोदी सरकार ने  दलित का स्वाभिमान और मान-सम्मान को कुचलने का काम किया। दलित स्वाभिमान से भाजपा-आरएसएस के हिन्दू राष्ट्र को  खतरा हो सकता है लेकिन इस नए भारत और आधुनिक भारत के लिए दलितों-गरीबों, महिलाओं का स्वाभिमान, आजादी जरूरी है।

उन्होंने कहा कि देश का नौजवान जाग गया है। नौजवानों ने भाजपा-आरएसएस-शिवसेना की साम्प्रदायिक उन्माद और नफरत की राजनीति को नकराने का काम किया है। जब-जब देश में नौजवान सड़क पर उतरे हैं, चाहे वह आजादी का दौर है, आपात काल का दौर रहा हो या नक्सलबाड़ी का दौर हो, देश और समाज को को बदलने का काम किया। आज के दौर में भी युवा देश व समाज को बदलने के लिए सड़क पर उतर पड़ा है।

उन्होंने भीड़ हिंसा, किसान संकट, भूख से मौत, रफाल घोटाले का जिक्र करते हुए मोदी सरकार को घेरा और कहा कि इस सरकार का सत्ता में आना सुनामी, भूकम्प जैसा हादसा था। इस सरकार ने देश के संविधान, लोकतंत्र के सामने खतरा पैदा कर दिया है। वर्ष 2019 में किसान, मजदूर, युवा, महिलाओं सहित समाज का हर हिस्सा अपने साथ हुए इस हादसे का बदला लेगा और मोदी सरकार को उखाड़ फेकेगा।

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने कहा कि मोदी ने सत्ता में आने से पहले खूब वादे किए थे लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया। स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया और तो और नोटबंदी और जीएसटी से लाखों लोगों का रोजगार छीन गया। मेहनतकशों का के मेहनत का एक एक रुपया अडानी अंबानी को दे रहे हैं। गंगा को साफ़ करने के नाम पर वोट लिए लेकिन गंगा साफ़ नहीं हुई। मोदी जी वाराणसी के सांसद हैं जबकि सड़कें बुरी तरह टूटी हुई हैं। मोदी ने जियो यूनिवर्सिटी को करोड़ो रूपये दे दिए, जो अस्तित्व में ही नहीं है। बाला ने कहा कि मोदी देश के पीएम नहीं अंबानी के जीएम की तरह काम कर रहे हैं। हम मोदी को 15 दिन का समय देते हैं अगर वो पंद्रह दिन में 24 लाख रिक्त पदों को नहीं भरेंगे तो देश के युवाओं को संगठित कर दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।

आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता दे ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि हमें गंगा माँ ने बुलाया है. वो बनारस के माध्यम से उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिकता का माहौल बनाकर राज करना चाहते थे। पिछले साढ़े चार सालों के मोदी शासन की सच्चाई ये है कि लोग कह रहे हैं चौकीदार ही चोर है। किसानों नौजवानों से गद्दारी करके वो चाहते हैं कि उन्हें एकबार फिर से मैंडेट मिले। मोदी सरकार अडानी अंबानी के चरणों में देश का संसाधन लूटा देना चाहती है। आने वाले दिनों में कौन सरकार बनायेगा ये देश की जनता तय करेगी।

रसोइया आंदोलन की नेता सोहिल गुप्ता ने कहा कि चाय बेचने वाली सरकार है तो चाय वालों की ही स्थिति सुधर जानी चाहिए थी। लेकिन पुरे देश में गाय गोबर, मंदिर-मस्जिद में उलझा दिया गया है। छोटी छोटी बच्चियों के साथ रेप हो रहा है.

रैली को सम्बोधित करते हुए जन संस्कृति मंच महासचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मोदी सरकार युवा भारत को बेरोजगार भारत बनाने की अपराधी है। बयालीस करोड़ युवाओं के इस देश में हताशा में हर वर्ष 17 हजार नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। बेरोजारी उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है लेकिन मोदी-योगी सरकार हजारों करोड़ सिर्फ मूर्तियां बनाने और दीप जलाने में खर्च कर रही है।

युवा हुंकार रैली का संचालन इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश सचिव राकेश सिंह ने किया। इस मौके पर भाकपा माले की सेंटल कमेटी के सदस्य रामजी राय, ईश्वरी कुशवाहा, श्रीराम चैधरी, मनीष शर्मा, भाकपा माले यूपी के सचिव सुधाकर यादव आदि भी मौजूद थे।

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