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चमकी बुखार की रोकथाम में सरकार बरत रही आपराधिक लापरवाही : माले

अनुमंडलस्तर के अस्पतालों में आईसीयू और प्रखंड स्तर पर इमरजेंसी सेवा बहाल करे सरकार

पटना. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में चमकी बुखार के कारण अब तक 65 से अधिक बच्चों की मौत पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराया है.

उन्होंने कहा कि विगत कई सालों से इस मौसम में इस अज्ञात बीमारी से सैंकड़ों बच्चे मारे जाते रहे हैं. यदि सरकार ने पहले से इसके रोकथाम के उपाय किए होते तो मरने वाले बच्चों की संख्या काफी कम हो सकती थी. गरीबों के ही बच्चे इसके सर्वाधिक शिकार हो रहे हैं. क्योंकि सही समय पर उनका इलाज नहीं हो पाता.

उन्होंने कहा कि गांव, प्रखंड अथवा अनुमंडल स्तर पर अस्पतालों की घोर कमी और जिला स्तर के भी अस्पतालों में आईसीयू व इमरजेंसी सेवा की खराब स्थिति के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस मामले में दिल्ली-पटना की सरकार आपराधिक लापरवाही बरत रही है.

उन्होंने कहा कि पीड़ित इलाकों में सरकार युद्ध स्तर पर बीमारी से बचाव के उपायों को संचालित करे. हमारी मांग है कि जिला स्तर पर आईसीयू युक्त व प्रखंड स्तर के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवायें बहाल की जाएं. अक्सर देखा जाता है कि जब किसी गांव में कोई बच्चा चमकी बुखार की चपेट में आता है, तो शहर के अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते उसकी हालत बहुत खराब हो जाती है और उसे बचाना संभव नहीं रह जाता है.

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