समकालीन जनमत

Category : कविता

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वल्लभ की कविताओं में सच का ताप है

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जन संस्कृति मंच की ओर से 30 सितंबर 2023 को फूड इंडिया, आरा के मीटिंग हॉल में कवि वल्लभ के तीसरे कविता संग्रह ‘पोतराज’ का...
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नीरज नीर की कविताएँ विडबंनात्मक बोध को उजागर करती हैं

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शिरोमणि राम महतो कुछ लोग कविता बनाते हैं और कुछ लोग कविता रचते हैं। जो कविता बनाते हैं, उनकी कविताओं में बनावटीपन ज्यादा होता है...
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संध्या यादव की कविताएँ समकालीन समाज की अनेक विसंगतियों से एक स्त्री की बहसें हैं

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अमरजीत कौंके फेसबुक पर जिन कवियों की कविता मुझे बहुत पसंद है और मैं जिन्हें ढूंढ कर पढ़ता हूँ, संध्या यादव उन चंद कवियों में...
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जावेद आलम की कविताएँ मानवता के पक्ष में निर्भीकता से खड़ी हैं

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अशोक कुमार “स्याह वक्त कि इबारतें” युवा कवि जावेद आलम खान का पहला संग्रह है, जिसे दीपक अरोड़ा स्मृति सम्मान के तहत बोधि प्रकाशन ने...
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योगेंद्र गौतम की कविताएँ अंधेरे के अज्ञात बिन्दु से प्रकाश की खोज में निकली यात्री हैं

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प्रिया वर्मा यह कवि रात्रि के किसी अज्ञात बिंदु पर खड़ा हुआ है और अंधेरे के उस अज्ञात बिंदु में प्रकाश को खोजते हुए कविता...
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गुंजन उपाध्याय पाठक की कविताएँ प्रेम के अभाव से पैदा अवसाद से मुक्ति के लिए प्रेम की जद्दोजहद हैं

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सुधीर सुमन  महादेवी वर्मा ने ‘शृंखला की कड़ियाँ’ में लिखा है- ‘‘स्त्री के व्यक्तित्व में कोमलता और सहानुभूति के साथ साहस और विवेक का ऐसा सामंजस्य होना आवश्यक...
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सच के रास्तों ने दुर्गम ही बनाया है जीवन को : ज्योति चावला की कविताएँ

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अनुपम त्रिपाठी ‘यह उनींदी रातों का सफर है’ ज्योति चावला का नया कविता संग्रह है। इस संग्रह में उनकी पचास कविताएँ संकलित हैं जोकि उनके...
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नरेश अग्रवाल की कविताएँ जनता के संघर्षों की सहचरी हैं

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विपिन चौधरी यह संसार आश्चर्य से भरा हुआ है लेकिन अभी तक सभी आश्चर्य खोजे नहीं जा सके हैं. मगर दुख खोज लिए गए हैं।...
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विमलेश त्रिपाठी की कविताएँ  हमारे समय में अभिव्यक्ति पर मंडराते ख़तरों की शिनाख़्त करती हैं

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राजेश जोशी विमलेश की कविताएँ इस समय की कविता की सबसे बड़ी उलझन की ओर संकेत करती हैं। प्रोद्यौगिकी ने समय की गति को इतना...
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ललन चतुर्वेदी की कविताएँ अमानवीकरण के ख़िलाफ़ प्रतिरोध हैं

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वसु गंधर्व कविता जीवन के भुलाए जा रहे ज़रूरी सत्यों का स्मरण भी है। यह एक प्रतिसंसार का आह्वान भी है जहाँ उस करुणा की...
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मुन्नी गुप्ता की कविताएँ अपने समय की पीड़ा और परिदृश्य के सच को उजागर करती हैं

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निरंजन श्रोत्रिय समकालीन युवा काव्य परिदृश्य में मुन्नी गुप्ता एक दस्तक देता हुआ नाम है। उनकी कविताओं में व्यंग्य और कटाक्ष छितरा हुआ है लेकिन...
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डॉ ज़रीन हलीम का कविता संग्रह ‘ आठ पहर ’: ‘परवाज की आदत है ….उड़ जाएंगे ’

कौशल किशोर
‘कविता के बीज नहीं होते/जो बाजारों में हों उपलब्ध/जो किसी एक ऋतु के हो बंधक/और घर-घर यूं ही पड़े मिलें/जो सबके हाथों मसले जाएं/जिनका कोई...
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भास्कर लाक्षाकार की कविताएँ जीवन अनुभवों से निर्मित मनुष्य की स्पोन्टेनिटी से सृजित हैं

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निरंजन श्रोत्रिय क्या यह संभव है कि किसी कवि को अपने समय-समाज के तापमान का सम्यक ज्ञान हो, उसकी कविता विचार और भावनाओं से समृद्ध...
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अमन त्रिपाठी की कविताएँ ‘सेन्स ऑफ़ बिलॉन्गिंग’ से उपजी हैं। 

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वर्तिका पढ़ाई से इंजीनियर अमन , समर्थ अनुवादक और कवि के तौर पर सक्रिय हैं।  शहर देखने, प्रेम में रहकर प्रेम न कर पाने के...
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वंदना पराशर की कविताएँ शब्द एवं संवाद बचाने की कोशिश हैं

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वंदना मिश्रा समकालीन कविता में अपना स्थान सुरक्षित कर चुकी ‘वंदना पाराशर’ की कविताएँ किसी परिचय की मोहताज नहीं. वंदना उन लोगों में से हैं...
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श्रीधर करुणानिधि की कविताएँ जटिल और क्रूर समय को व्यंजित करती हैं

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योगेश प्रताप शेखर श्रीधर करुणानिधि के दो कविता–संग्रह प्रकाशित हुए हैं | ‘खिलखिलाता हुआ कुछ’ और ‘पत्थर से निकलती कराह’ | उन का पहला कविता...
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नये मगध में : न्यू इंडिया का साहित्यिक तर्जुमा

सुशील मानव
 जब कुछ नयी निर्मित्ति होती है, कुछ नया रचा जाता है तो वो पुरातन की समृद्ध परंपरा, संस्कृति व स्मृतियों से जुड़कर, अपनी नव्यता को...
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डोरियन लाउ की कविताएँ मानवता के अंतर्विरोधों को रेखांकित करती हैं

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रंजना मिश्र 10 जनवरी, 1952 को जन्मी डोरियन लाउ/ लॉक्स के अब तक छह कविता संग्रह प्रकाशित हैं।  वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑर्गोन में रचनात्मक लेखन...
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वंदना मिश्रा की कविताएँ स्त्री जीवन की जटिलताओं को उकेरती हैं

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अमरजीत कौंके हिंदी की समकालीन स्त्री कविता में वंदना मिश्रा एक महत्वपूर्ण नाम है .उनकी कविताएँ समकालीन समाज के संकटों और विसंगतियों को अपने कलेवर...
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प्रतिभा चौहान की कविताएँ प्रकृति और सृष्टि की पक्षधरता का विमर्श हैं

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शिरोमणि महतो सुपरिचित कवयित्री प्रतिभा चौहान की कविताएँ हिन्दी के वैविध्यपूर्ण साहित्यिक संसार में एक अलग स्थान रखती हैं। यूँ तो अनेक विषयों पर कविताएँ...
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