समकालीन जनमत

Category : सिनेमा

सिनेमा

सिनेमा : शिक्षा का एक नया आयाम

समकालीन जनमत
अतुल कुमार ‘सिनेमा इन स्कूल’ अभियान लगातार अपना कार्य क्षेत्र बढ़ा रहा है. इस अभियान की शुरुआत नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के साथ शुरू हुई थी...
सिनेमा

समाज से सवाल करती फिल्में सेम्बी और वध

समकालीन जनमत
प्रशांत विप्लवी 2020 के अंतिम माह में बाल-शोषण पर दो फिल्में आईं– सेम्बी और वध। सेम्बी तमिल भाषा की फ़िल्म है और वध हिन्दी मुख्यधारा...
सिनेमा

शासकवर्गीय प्रचार के विपरीत जनसामान्य के जीवन की वास्तविक तस्वीर दिखा गया पटना फिल्मोत्सव

समकालीन जनमत
‘ मट्टों की साइकिल’ के प्रदर्शन के साथ तेरहवें पटना फिल्मोत्सव का पर्दा गिरा पटना। ‘प्रतिरोध का सिनेमा : पटना फिल्मोत्सव’ फिल्म के क्षेत्र में सक्रिय...
सिनेमा

पटना फिल्मोत्सव : फिल्मों ने मानवीय सौहार्द, संवेदना और जीवन रक्षा के गंभीर सवालों को उठाया

समकालीन जनमत
पटना। सवालों से घिरे हुए हमारे समाज और देश में सत्ताधारी राजनीति प्रायः उनके हल नहीं तलाशती, बल्कि उन्हें और उलझाती है। समस्याओं को और...
सिनेमा

फासीवादी ताकतों को हराना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए : लाल्टू

समकालीन जनमत
रेणु की फिल्म ‘संवदिया’ से उठा 13वें पटना फिल्मोत्सव का पर्दा पटना। ‘‘हमारे मुल्क में जब नफरत के लंबरदार नंगा नाच रहे हैं, हर कहीं...
सिनेमा

‘कंतारा’ जमीन की लड़ाई और हिस्सेदारी की एक मिथ कथा         

   जनार्दन  कंतारा कन्नड़ भाषा की फिल्म है, जो 30 सितंबर 2022 को देश और विदेश में रिलीज हुई। कन्नड़ भाषा के अलावा यह फिल्म...
सिनेमा

बंशी चन्द्रगुप्त : एक महान कला निर्देशक

प्रशांत विप्लवी एक नदी जहां तीन महान फ़िल्मी हस्तियाँ पहली बार एक साथ किसी एक मकसद के लिए मिलते हैं और भारतीय सिनेमा को पूरी...
सिनेमा

शांतिलाल और तितली का रहस्य

समकालीन जनमत
प्रशांत विप्लवी प्रतिम डी गुप्त उभरते बांग्ला फिल्मकार हैं। ठीक तीन साल पहले उनकी एक फ़िल्म बंगाल के सिनेमाघरों में हाउसफुल का बोर्ड लटकवाने में...
सिनेमा

धूप की दीवार : मोर दैन अ रिव्यू   

मीनल
कुछ समय हुआ मुझे ज़ी फाइव ओटीटी प्लेटफार्म पर पाकिस्तानी सीरीज़ ‘धूप की दीवार’ देखे हुए और इस सीरीज़ के हर एपिसोड के साथ ज़हन...
सिनेमा

फिल्म ‘झुंड’ किताब की तरह पढ़े जाने की मांग करती है

जनार्दन
फ़िल्म – झुंड निर्देशक – नागराज पोपटराव मंजुले कलाकार – अमिताभ बच्चन, अंकुश गेडाम, आकाश थोसर, रिंकु राजगुरु छायांकन – सुधाकर रेड्डी गीत-संगीत – साकेत...
जनमतसाहित्य-संस्कृतिसिनेमा

साहित्य और सिनेमा अपने समय को प्रतिबिंबित करते हैं- डाॅ. विजय शर्मा

समकालीन जनमत
11फरवरी 2022 को ‘भारतीय साहित्य, समाज और सिनेमा’ विषय पर एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन हुआ। इस आयोजन की मुख्य  वक्ता वरिष्ठ लेखिका डॉ. विजय...
सिनेमा

एनएफ़एआई, सीएफ़एसआई, एनएफ़डीसी को बंद करना भारतीय फिल्म-इतिहास और धरोहर पर तुषारापात होगा

समकालीन जनमत
देश के प्रमुख फ़िल्मकारों द्वारा फिल्म प्रभाग और भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (एनएफ़एआइ) समेत कई फिल्म संस्थाओं का विलय/बंद किये जाने के सरकार के प्रयास...
सिनेमा

जाति आधारित राज्य की हिंसा बयान करती है ‘जय भीम’

नितिन राज
“गणतंत्र को बचाने के लिए कभी-कभी तानाशाही की जरूरत पड़ती है।” यह टीजे गानवेल की फिल्म जय भीम में एक पुलिस अधिकारी के शब्द है,...
सिनेमा

आदिवासियों के स्वाभिमान की लड़ाई और सौंदर्य विधान की स्थापना का कलात्मक प्रयास है ‘जय भीम’

समकालीन जनमत
महेश कुमार तमिल फिल्म ‘जय भीम’ जस्टिस चंद्रू के 1993 के एक केस पर आधारित है. यह फ़िल्म अपनी वैचारिक पृष्ठभूमि, यथार्थपरक प्रस्तुति और अस्मितावादी...
सिनेमा

शहादत की अप्रतिम गाथा : सरदार उधम

समकालीन जनमत
पीयूष कुमार भारतीय सिनेमा में समय समय पर शहीदों पर बॉयोपिक बनती रही हैं। इन फिल्मों में ‘गांधी’ (1982) को छोड़ दें तो अन्य प्रस्तुतियां...
सिनेमा

हिंदी सिनेमा में दिखती ‘आदर्श’ दुनिया पर हिटलर के प्रभाव की शिनाख्त करती किताब

समकालीन जनमत
शक्ति ‘इतिहास, अतीत और वर्त्तमान के बीच कभी न खत्म होने वाला संवाद है’: ई. एच. कार यूँ तो अडोल्फ़ हिटलर और फासीवाद के बारे...
सिनेमा

जाति की जटिलता में गंधर्व विवाह की परेशानियों को उजागर करती फिल्म ‘जाग उठा इंसान’

जनार्दन
1 – जाति व्यवस्था नियंत्रित तथा मर्यादित जीवन भोग का ही दूसरा नाम है। प्रत्येक जाति अपने जीवन में खुशहाल रहने के लिए ही सीमित...
सिनेमा

फ़िल्म ‘द सोर्स’ : ‘से नो टू सेक्स फॉर वाटर’

समकालीन जनमत
प्रतिभा कटियार मेरे घर के ठीक सामने एक कुआँ था. कुआँ अपनी सामन्य भव्यता के साथ मुस्कुराता था. यानी वो पक्का कुआँ था. उसकी जगत...
सिनेमा

क्रिमिनल जस्टिसः बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स- वैवाहिक रिश्ते में अपराध की कथा

दुर्गा सिंह
क्रिमिनल जस्टिसः बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स, डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर प्रसारित हुई  वेब श्रृंखला है। यह पूर्व में प्रसारित क्रिमिनल जस्टिस का सीक्वेल है। इसमें एक...
सिनेमा

12वां पटना फिल्मोत्सव : आखिरी दिन फिल्म ‘तीसरी कसम’ दिखाई गई, नाटक ‘सुखिया मर गया भूख से’ का मंचन

समकालीन जनमत
पटना। हिरावल-जन संस्कृति मंच द्वारा स्थानीय कालिदास रंगालय में आयोजित तीन दिवसीय 12वें ‘ पटना फिल्मोत्सव: प्रतिरोध का सिनेमा’ के आखिरी दिन आज महान कथाकार...
Fearlessly expressing peoples opinion