समकालीन जनमत

Author : दीपक सिंह

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साहित्य-संस्कृति

चिंताएँ और सरोकार एक से हों तो मिलकर रचते हैं बड़ा कैनवास

दीपक सिंह
मई दिवस के अवसर पर समकालीन जनमत के फेसबुक पेज द्वारा आयोजित लाइव कार्यक्रमों की तीसरी कड़ी में 1 मई मजदूर दिवस शाम 7 बजे...
कविता

दिनेश कुमार शुक्ल ने किया अपनी कविताओं का लाइव पाठ

दीपक सिंह
समकालीन जनमत से मजदूर दिवस के लाइव कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में आज 1 मई को सांय 4 बजे से हिन्दी जगत को ‘जाग मेरे...
साहित्य-संस्कृति

मजदूर दिवस पर संगवारी थिएटर ग्रुप द्वारा जनगीतों और कविताओं की प्रभावशाली प्रस्तुति

दीपक सिंह
पूर्व निधारित कार्यक्रम के अनुसार आज 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर समकालीन जनमत के फेसबुक पेज से संगवारी थियेटर ग्रुप द्वारा लाइव...
कविता

‘ अजीब समय के नए राजपत्र ’ के विरुद्ध तनकर खड़ी कविता

दीपक सिंह
पंकज चतुर्वेदी बहुत ही संवेदनशील और समय-सजग रचनाकार हैं | उनकी कविताओं से गुजरते हुए जन कवि गोरख पाण्डेय की कविता पंक्तियां बार-बार मन में...
कहानीजनमत

नेसार नाज़ की कहानी ‘मीरबाज़ खान’

दीपक सिंह
(नेसार नाज़ कथा साहित्य में बहुत परिचित नाम नहीं है | छत्तीसगढ़ के एक निहायत ही छोटे से कस्बे बैकुंठपुर (जो अब जिला मुख्यालय बन...
जनमत

‘कुछ नॉस्टैल्जिया तो है’ हेमंत कुमार की कहानी ‘रज्जब अली’ में

दीपक सिंह
(कथाकार हेमंत कुमार की कहानी ‘ रज्जब अली ’ पत्रिका ‘ पल-प्रतिपल ’ में प्रकाशित हुई है. इस कहानी की विषयवस्तु, शिल्प और भाषा को...
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