शख्सियतसिनेमा अभिव्यक्ति के प्रति ईमानदार एक रचनाकार की त्रासदी ‘मंटो’समकालीन जनमतSeptember 23, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 23, 20185 2901 अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी ‘मंटो’ बायोपिक फिल्म की बहुत समय से प्रतीक्षा कर रहा था। समय-समय पर आने वाले ट्रेलर या वीडियो के टुकड़े इंतिजार को...
जनमतसाहित्य-संस्कृति जनगीतों का सामाजिक सन्दर्भसमकालीन जनमतSeptember 23, 2018September 24, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 23, 2018September 24, 201803615 डॉ. राजेश मल्ल साहित्य अपने अन्तिम निष्कर्षों में एक सामाजिक उत्पाद होता है। कत्र्ता के घोर उपेक्षा के बावजूद समय और समाज की सच्चाई...
जनमतशख्सियतसिनेमा ज़मीर को हर शै से ऊपर रखने वाले मंटोसमकालीन जनमतSeptember 23, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 23, 201803421 अखिलेश प्रताप सिंह. खुदा ज्यादा महान हो सकता है लेकिन मंटो ज्यादा सच्चे दिखते हैं और उससे भी ज्यादा मनुष्य, क्योंकि मंटो को सब कुछ...
कविताजनमतस्मृति चार आयामों का एक कवि विष्णु खरेउमा रागSeptember 23, 2018September 23, 2018 by उमा रागSeptember 23, 2018September 23, 201804485 मंगलेश डबराल यह बात आम तौर पर मुहावरे में कही जाती है कि अमुक व्यक्ति के न रहने से जो अभाव पैदा हुआ है...
ख़बर चार वर्षों में देश में भुखमरी से 56 मौतें : राइट टू फ़ूड कैंपेनसमकालीन जनमतSeptember 23, 2018September 23, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 23, 2018September 23, 20183 1367 पिछले चार वर्षों में कम-से-कम 56 भुखमरी से मौतें हुई हैं. इनमें से 42 मौतें 2017 व 2018 में हुई हैं. यह भारत के गरीबों...
स्मृति वैज्ञानिक दृष्टि और आलोचनात्मक यथार्थ वाले विचार संपन्न कवि थे विष्णु खरे: आलोक धन्वासमकालीन जनमतSeptember 23, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 23, 201803066 विष्णु खरे जनता के आक्रोश के संगठित होने की कामना करने वाले कवि हैं। उनकी कविताएं जनसाधारण के जीवन के दृश्यचित्रों की तरह हैं। वर्णनात्मकता...