समकालीन जनमत

Month : July 2018

जनमत

फासीवाद के खिलाफ संघर्ष में मार्क्स के विचार से बेहतर विचार नहीं- दीपंकर भट्टाचार्य

समकालीन जनमत
क्रोनी पूंजीवाद, सांप्रदायिक विभाजन और मनुवादी के बीच गठजोड़ है. लिचिंग स्थाई परिघटना बना दी गई है. लिचिंग करने वालों को पता है कि उन्हें...
जनमत

सभ्यता का परदा हटातीं हैं आर. चेतन क्रांति की कवितायेँ

उमा राग
2004 में आए अपने पहले कविता  संग्रह ‘शोकनाच’ के साथ आर चेतन क्रांति ने इक्कीसवीं सदी की दुनिया के पेच शायद सबसे करीने से पकड़े।...
कहानी

रज्जब अली: कहानी: हेमंत कुमार

मृत्युंजय
रज्जब अली तेज कदमों से गेहूँ की सीवान के बीच से मेंड़ पर सम्हलते हुए नदी के पास कब्रिस्तान की तरफ बढ़े जा रहे थे।...
ख़बर

संसद के अविश्वास मत से सड़क का अविश्वास मत पड़ेगा मोदी सरकार को भारी

समकालीन जनमत
 पुरुषोत्तम शर्मा 20 जुलाई को संसद के अन्दर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भारी मतों से गिराकर विश्वास मत...
जनमत

स्वामी अग्निवेश पर हमले के विरोध में लखनऊ, रांची, गोरखपुर में विरोध प्रदर्शन

समकालीन जनमत
जन आंदोलनों के सम्मानित नेता स्वामी अग्निवेश पर झारखण्ड में हुए प्राणघातक हमले का जगह-जगह प्रतिरोध हो रहा है. विभिन्न संगठनों ने लखनऊ, रांची और...
ख़बर

महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के खिलाफ़ पटना में महिला संगठनों का जोरदार प्रदर्शन

समकालीन जनमत
महिलाओं पर बढ़ती हिंसा और सरकारी संरक्षण में रहने वाली लड़कियों के साथ बिहार के अनेक हिस्सों में बलात्कार की घटनाओं पर मुख्यमंत्री की चुप्पी...
कवितास्मृति

वह पीड़ा का राजकुंवर था

समकालीन जनमत
नीरज प्यार की अहमियत और अपरिहार्यता पर बराबर इसरार करते रहे और वास्तविक जीवन में उसे असंभव जानकर उसकी करुणा से भी आप्लावित रहे. यथार्थ...
दुनिया

क्या नवाज़ शरीफ़ का सियासी सर्कल पूरा हो गया है ?

समकालीन जनमत
पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक हुसैन हक़्क़ानी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखा है, पाकिस्तान में आप एक साथ भ्रष्ट और एंटी-मिलिट्री नहीं हो सकते. मतलब आप भ्रष्ट...
ख़बर

मोदी सरकार की नई एमएसपी किसानों के साथ खुला धोखा

समकालीन जनमत
नई एमएसपी का गहराई से मूल्यांकन करें तो यह लगभग 15 प्रतिशत की औसत बढोतरी बैठती है. अगर आप मुद्रा स्फीति की बढ़ती दर से...
चित्रकला

एक साधारण सा चित्र

अशोक भौमिक
यूरोप में सदियों तक धार्मिक चित्रों और राजा-रानी-सामंतों के चित्र बनाने की परंपरा चली आ रही थी, उसे चुनौती देते हुए ज्याँ फ्रांसोआ मिले जैसे...
ख़बर

पटना में नागरिक प्रतिवाद सभा आयोजित कर स्वामी अग्निवेश पर जानलेवा हमले की भर्त्सना

समकालीन जनमत
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर विद्यार्थी परिषद व भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए जानलेवा हमले के खिलाफ बुधवार को कारगिल...
ख़बर

विभाजकारी राजनीति के खिलाफ एकताबद्ध आंदोलन की राह पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का किसान

समकालीन जनमत
भारतीय किसान यूनियन के बिखराव के बाद अपने-अपने स्तर पर सक्रिय किसान यूनियन के इन ग्रुपों के बीच किसानों की संगठित ताकत को फिर बटोरने...
जनमत

भीड़-दंड को प्रोत्साहित करता राज्य तंत्र

समकालीन जनमत
लिंचिंग में शरीक अधिकांश के लिए यह दंडमुक्त अपराध है. राज्यतंत्र ने इस दोहरेपन के साथ तालमेल बिठा लिया है. विभिन्न राजनीतिक संगठनों, सोशल मीडिया...
जनमत

भीड़ हमला-हत्या की घटनाएँ निर्देशित घटनाएँ हैं

समकालीन जनमत
इन निर्देशित गिरोहों को बाकायदे हत्या की मशीन में तब्दील किया जा रहा है. गौरी लंकेश के हत्यारे का बयान इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है, जिसमें...
जनमत

फासीवाद का परीक्षण पूरे सवाब पर है

"अभी पूरी दुनिया में क्या चल रहा है इसे समझने के लिए हमें दो चीजों पर गौर करने की जरूरत है। पहला यह है कि...
जनमत

जाति, धर्म और व्यवस्था की कोख से पैदा हो रही मॉब लिंचिंग जैसी बर्बर संस्कृति

गरीब और कमजोर पर जुल्म करने की प्रवृत्ति का फैलाव इसलिए बढ़ा है कि न्यायिक व्यवस्था ठीक से काम नहीं कर रही है. जब तक...
कवितापुस्तक

आसिफ़ाओं के लिए

समकालीन जनमत
पिछले पाँच सालों से देश में जो धर्म-ध्वजा फहर रही है, और सांप्रदायिकता का जो उन्माद लोगों की नसों में घुल रहा है, उसी का...
कविता

आधुनिक जीवन की विसंगतियों के मध्य मानवीय संवेदना की पहचान की कवितायें

समकालीन जनमत
विनय दुबे की कविताओं में सहजता और दृश्य की जटिलताओं का जो सहभाव नज़र आता है, वह उन्हें अपनी पीढ़ी का अप्रतिम कवि बनाता है....
ख़बरशिक्षा

विश्वविद्यालयों में बढती प्रशासनिक तानाशाही के खिलाफ लखनऊ में धरना

समकालीन जनमत
शैक्षिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों में बढती प्रशासनिक तानाशाही व शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ अभिभावक मंच ने 13 जुलाई को परिवर्तन चौक के पास आचार्य नरेन्द्र...
कविता

एक कविता: हिंग्लिश [शुभम श्री]

मृत्युंजय
शुभम श्री हमारे साथ की ऐसी युवा कवि हैं जिनकी कविताओं में बाँकपन की छब है। एक ख़ास तंज़ भरी नज़र और भाषा को बरतने...
Fearlessly expressing peoples opinion