समकालीन जनमत

Day : July 31, 2018

जनमत

किसान के क्रमिक दरिद्रीकरण की शोक गाथा है ‘ गोदान ‘

गोपाल प्रधान
प्रेमचंद ने गोदान में उपनिवेशवादी नीतियों से बरबाद होते भारतीय किसानी जीवन और इसके लिए जिम्मेदार ताकतों की जो पहचान आज के 75 साल पहले...
कहानी

‘ बलिदान ’ : किसान-जीवन त्रासदी और प्रेमचंद की कहानी कला

समकालीन जनमत
मेरी अपनी समझ से हिंदी कहानी में ‘जादुई यथार्थवाद’ कला का भ्रूण इस कहानी में देखा जा सकता हैं ,साथ ही कहानी कला की ऊँचाई...
मल्टीमीडिया

प्रेमचंद : साम्प्रदायिकता और संस्कृति (वीडियो प्रस्तुति -नासिरुद्दीन )

समकालीन जनमत
प्रेमचंद के दौर में भी फिरकापरस्ती यानी साम्प्रदायिकता, नफरत फैलाने और बाँटने का अपना जरूरी काम बखूबी कर रही थी. आजादी के आंदोलन की पहली...
जनमतस्मृति

प्रेमचंद और अक्तूबर क्रांति

साम्राज्यवाद-उपनिवेशवाद विरोधी रवैये का एक निरंतरता में अनुपालन जितना प्रेमचंद के यहाँ दीखता है, वैसा हिंदी के किसी और लेखक में नहीं. असंख्य मजदूर, किसान,...
शख्सियत

रंगों और कूचियों के अनोखे उस्ताद उर्फ़ अशोक दा !

संजय जोशी
बिना किसी कला स्कूल से शिक्षित हुए बिना किसी बड़े गुरु के शिष्य हुए अपनी कला भाषा की खोज करना और उसमे एक बड़ा मुकाम...
ख़बर

मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड के खिलाफ वाम दलों का 2 अगस्त को बिहार बंद

समकालीन जनमत
मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड, दलितों पर बढ़ते हमले और गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ वामदलों ने संयुक्त रूप से 2 अगस्त को बिहार बंद...
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