समकालीन जनमत

Month : July 2018

जनमत

किसान के क्रमिक दरिद्रीकरण की शोक गाथा है ‘ गोदान ‘

गोपाल प्रधान
प्रेमचंद ने गोदान में उपनिवेशवादी नीतियों से बरबाद होते भारतीय किसानी जीवन और इसके लिए जिम्मेदार ताकतों की जो पहचान आज के 75 साल पहले...
कहानी

‘ बलिदान ’ : किसान-जीवन त्रासदी और प्रेमचंद की कहानी कला

समकालीन जनमत
मेरी अपनी समझ से हिंदी कहानी में ‘जादुई यथार्थवाद’ कला का भ्रूण इस कहानी में देखा जा सकता हैं ,साथ ही कहानी कला की ऊँचाई...
मल्टीमीडिया

प्रेमचंद : साम्प्रदायिकता और संस्कृति (वीडियो प्रस्तुति -नासिरुद्दीन )

समकालीन जनमत
प्रेमचंद के दौर में भी फिरकापरस्ती यानी साम्प्रदायिकता, नफरत फैलाने और बाँटने का अपना जरूरी काम बखूबी कर रही थी. आजादी के आंदोलन की पहली...
जनमतस्मृति

प्रेमचंद और अक्तूबर क्रांति

साम्राज्यवाद-उपनिवेशवाद विरोधी रवैये का एक निरंतरता में अनुपालन जितना प्रेमचंद के यहाँ दीखता है, वैसा हिंदी के किसी और लेखक में नहीं. असंख्य मजदूर, किसान,...
शख्सियत

रंगों और कूचियों के अनोखे उस्ताद उर्फ़ अशोक दा !

संजय जोशी
बिना किसी कला स्कूल से शिक्षित हुए बिना किसी बड़े गुरु के शिष्य हुए अपनी कला भाषा की खोज करना और उसमे एक बड़ा मुकाम...
ख़बर

मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड के खिलाफ वाम दलों का 2 अगस्त को बिहार बंद

समकालीन जनमत
मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड, दलितों पर बढ़ते हमले और गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ वामदलों ने संयुक्त रूप से 2 अगस्त को बिहार बंद...
कहानीज़ेर-ए-बहस

हेमन्त कुमार की कहानी ‘ रज्जब अली ’ में सामंती वैभव देखना प्रतिक्रियावाद को मजबूत करना है

समकालीन जनमत
कहानी में मूल समस्या साम्प्रदायिकता है. यह कहानी हमारे समय के लिहाज से एक बेहद जरूरी कहानी है. इसलिए जरूरी यह है कि इस कहानी...
स्मृति

‘वे दर्ज होंगे इतिहास में/पर मिलेंगे हमेशा वर्तमान में/लड़ते हुए/और यह कहते हुए कि/स्वप्न अभी अधूरा है

समकालीन जनमत
भारतीय जनता के महानायक और भाकपा माले के संस्थापक महासचिव कामरेड चारू मजूमदार की 46 वें शहादत दिवस को लखनऊ के लेनिन पुस्तक केन्द्र में...
जनमत

कृषि अर्थव्यवस्था पर हमला है गौ रक्षा कानून

देश के जिन राज्यों में भी गौ रक्षा कानून लागू किया गया है मेरे खुद के सर्वे के अनुसार उन राज्यों में गौ-वंश की संख्या...
जनमत

मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड :बिहारी समाज पहले दिन से आंदोलित है

कुमार परवेज मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड को मीडिया में अब जगह मिल रही है क्योंकि इसे अब दबाया नहीं जा सकता. दबाने के बहुत...
कविताजनभाषा

अमरेंद्र की अवधी कविताएँ: लोकभाषा में संभव राजनीतिक और समसामयिक अभिव्यक्तियाँ

उमा राग
( कवि-कथन : अवधी में कविता क्यों ? मुझसे मुखातिब शायद यही, किसी का भी, पहला सवाल हो। जवाब में कई बातें हैं लेकिन पहला...
चित्रकला

आम जनों का चित्रकार लोवे कयाली

अशोक भौमिक
आम परिचय विहीन लोगों को अपने चित्रों में जिन आधुनिक चित्रकारों ने बखूबी से चित्रित किया है , उनमें सीरियाई चित्रकार लोवे कयाली ( Louay...
ख़बर

रिहाई मंच के महासचिव ने फर्जी मुठभेड़ के आरोपी थानेदार से जान को खतरा बताया

समकालीन जनमत
रिहाई मंच ने कहा कि महासचिव राजीव यादव ने आजमगढ़ पुलिस कप्तान को शिकायती पत्र भेजते हुए कहा है कि मुठभेड़ों का सवाल उठाने पर...
ख़बर

भाकपा (माले) के वरिष्‍ठ नेता कामरेड डी.पी. बख्‍शी का निधन

समकालीन जनमत
पार्टी के वरिष्‍ठतम सदस्‍यों में एक कामरेड बख्‍शी नक्‍सलबाड़ी और कामरेड चारु मजूमदार के आह्वान पर साठ के दशक में दुर्गापुर रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज के...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

पटना के गर्दनीबाग में भूमिहीनो, गरीबों व दुकानदारों को उजाड़ने के खिलाफ दो दिन अनशन

समकालीन जनमत
गर्दनीबाग में बरसों से रह रहे भूमिहीन-गरीबों को सरकार के निर्देश पर उजाड़ा जा रहा है. प्रशासन ने गरीबों की झोपड़ियां ढाहनी शुरू कर दी...
कहानी

सामंती वैभव के प्रति नॉस्टेल्जिया से ग्रस्त है कहानी ‘ रज्जब अली ’

डॉ रामायन राम
‘ रज्जब अली ’ कहानी में कथाकार बड़ा आख्यान रचने की कोशिश में कई ऐसी गलतियाँ कर बैठे हैं जिसकी वजह से अपने बड़े उद्देश्य...
ख़बर

फासीवाद के खिलाफ मजबूत वाम एकता आज की जरूरत : दीपंकर भट्टाचार्य

“ त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में जनतंत्र की हत्या बंद करो ” नारे के साथ 24 जुलाई को दिल्ली के संसद मार्ग पर पांच प्रमुख...
स्मृति

मोहन भारद्वाज ने मैथिली साहित्य में आधुनिक-प्रगतिवादी दृष्टिबोध स्थापित किया: जसम

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच ने मैथिली के वरिष्ठ आलोचक मोहन भारद्वाज के निधन पर शोक संवेदना जाहिर करते हुए कहा है कि उनका निधन भारतीय साहित्य...
जनमत

वैज्ञानिक-चित्त की खोज में पूरे जीवन बेचैन रहने वाला एक शिक्षाविद्

समकालीन जनमत
यशपाल बराबर इस बात को रेखांकित करते थे कि देश में सभी अपने बच्चों को विज्ञान पढ़ाना चाहते तो हैं किंतु वैज्ञानिक दृष्टि नहीं देना...
शख्सियत

राजेन्द्र कुमार : जैसा मैंने उन्हें देखा

प्रणय कृष्ण
उनका अलंकरण मुश्किल है. उनके बारे में अतिशयोक्ति संभव नहीं. ध्यान से देखें तो उन्होंने अपने जीवन और अपनी रचना में कुछ भी अतिरिक्त, कुछ...
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