समकालीन जनमत

Day : April 29, 2018

जनमत

‘ यह बाबा पूजने लायक नहीं है, ये बापू बहुत गंदा है ’

शालिनी बाजपेयी
अब मेरा मन और घबराने लगा, मुझे लगा अब कहां रह गई। कुछ देर बाद जब बेटी बाहर निकली तो बदहवास थी....। उसका यह हाल...
कहानी

अल्पना मिश्र की कहानी : स्याही में सुर्खाब के पंख

समकालीन जनमत
जनतंत्र में 'जन' को नकार कर या पूरी तरह नियंत्रित मान लेना सही आकलन नहीं होगा, क्योंकि 'जन ' में अभी भी असहमति का साहस...
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