समकालीन जनमत

Day : March 20, 2018

स्मृति

‘ संस्कृति खरगोश की तरह है, जो आने वाले खतरे का आभास देती है ’

समकालीन जनमत
कौशल किशोर   यह कैसा समय है कि साथ के लोग साथ छोड़े जा रहे हैं. कुंवर जी और दूधनाथ सिंह को हम ठीक से...
स्मृति

‘आदमी के उठे हुए हाथों की तरह’ हिन्दुस्तानी अवाम के संघर्षों को थामे रहेगी केदारनाथ सिंह की कविता : जसम

समकालीन जनमत
कवि केदारनाथ सिंह को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि जनतांत्रिक मूल्यों की अकाल-वेला में केदारनाथ सिंह की कविता जनप्रतिरोध के सारसों की अप्रत्याशित आवाज़ थी....
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

‘ कविता भविष्य में गहन से गहनतर होती जाएगी ’

मनोज कुमार सिंह
  ( प्रख्यात कवि प्रो. केदारनाथ सिंह ने 26 फरवरी 2016 को गोरखपुर के प्रेमचंद पार्क में प्रो परमानंद श्रीवास्तव की स्मृति में ‘ कविता...
स्मृति

मै गांव-जवार और उसके सुख-दुख से जुड़ा हुआ हूं

(ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने के बाद डॉ केदारनाथ सिंह से यह संक्षिप्त बातचीत टेलीफ़ोन पर हुई थी. यह साक्षात्कार दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ था. )...
स्मृति

अलविदा, स्टार गुरु जी !

संजय जोशी
  मैंने 1989 के जुलाई महीने में जे एन यू के भारतीय भाषा विभाग के हिंदी विषय में एडमिशन लिया. कोर्स एम ए का था....
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