साहित्य-संस्कृतिस्मृति सुशील सिद्धार्थ के अन्दर सृजन की बहती नदी थी जिसे बाहर आना बाकी थासमकालीन जनमतMarch 17, 2018 by समकालीन जनमतMarch 17, 201801962 कौशल किशोर सुशील सिद्धार्थ का जाना दुखद, बेहद दुखद। अविश्वसनीय सा, सदमे से भरा। हम सभी स्तब्ध हैं इसलिए कि यह कोई जाने की...
ज़ेर-ए-बहस उदारमना संस्कृति का सामर्थ्यसमकालीन जनमतMarch 17, 2018March 17, 2018 by समकालीन जनमतMarch 17, 2018March 17, 20183 2126 पंकज चतुर्वेदी: मशहूर कथन है कि ”Interpretation depends on intention.” यानी व्याख्या इरादे पर निर्भर है। अगर आपकी नीयत नफ़रत और हिंसा फैलानेे की...