समकालीन जनमत

Year : 2018

जनमतशख्सियत

मृणाल सेन: समानांतर सिनेमा के एक स्तंभ का अवसान

समकालीन जनमत
अभिषेक मिश्र क्या होता है जब एक परिवार की अकेली कमाने वाली स्त्री, जिसपर उसके माता-पिता, भाई-बहन सभी आश्रित है एक रात घर नहीं लौटती!...
जनमत

जब एक कुलपति ने शर्मिन्दा किया

समकालीन जनमत
सदानन्द शाही वाकया 28 दिसम्बर 2018 का है. गाजीपुर के स्व सत्यदेव सिंह कालेज में उच्च शिक्षा की चुनौतियों पर सेमिनार था। उदघाटन सत्र में...
साहित्य-संस्कृति

रामजी तिवारी, सोनी पांडे,शालिनी श्रीवास्तव, शैलेंद्र मिश्र, आनंद चौहान, रूपेश सिंह को “संकल्प सम्मान ”

समकालीन जनमत
बलिया. साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था “संकल्प ” द्वारा “संकल्प सम्मान समारोह – 2018” का आयोजन मोती केशव कलवार धर्मशाला के सभागार में किया गया....
ख़बरसिनेमा

भुवन शोम : एक पंछी का शिकार या प्रेम की पींगें

संजय जोशी
(बांग्ला फिल्मों के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक मृणाल सेन का आज कोलकाता स्थित उनके आवास पर 95 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया । मृणाल सेन...
साहित्य-संस्कृति

मीर, ग़ालिब, नज़ीर के बग़ैर भारतीय साहित्य की संकल्पना पूरी नहीं -असद ज़ैदी

समकालीन जनमत
आगरा. दयालबाग़ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के कला संकाय की ओर से आयोजित ‘गालिब जयंती’ समारोह के मुख्य अतिथि के बतौर बोलते हुए प्रसिद्ध कवि असद ज़ैदी...
कविता

कई आँखोंवाली कविताओं के कवि शशांक मुकुट शेखर

समकालीन जनमत
कृष्ण समिद्ध नये और बनते हुए कवि पर लिखना बीज में बंद पेड़ के फल के स्वाद पर लिखने जैसा है । फिर भी यह...
सिनेमा

‘ हमें अपना मीडिया बनाना होगा ’

समकालीन जनमत
 छठे उदयपुर फ़िल्म फेस्टिवल का दूसरा दिन रिंकू परिहार/ एस एन एस जिज्ञासु उदयपुर.छठे उदयपुर फ़िल्म फेस्टिवल के दुसरे दिन की शुरुआत युवा फ़िल्मकारों अशफ़ाक,...
नाटक

आरा में चार दिन ‘राग दरबारी’

सुधीर सुमन
आरा की नाट्य संस्था ‘भूमिका’ द्वारा 24 दिसंबर से 27 दिसंबर तक चार दिवसीय नाट्य मंचन का सिलसिला 2015 में मोहन राकेश के नाटक ‘आषाढ़...
ख़बरसाहित्य-संस्कृति

ताशकंद में किया गया गालिब को याद

समकालीन जनमत
संजीव कौशल ताशकंद स्थित स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल स्टडीज में जहाँ हिंदी और उर्दू का अध्यन एवं अध्यापन कई वर्षों से किया जा रहा है...
जनमत

नसीरूद्दीन शाह को गुस्सा क्यों आता है ?

राम पुनियानी
किसी भी प्रजातांत्रिक समाज के स्वस्थ होने का एक महत्वपूर्ण पैमाना यह है कि उसमें अल्पसंख्यक स्वयं को कितना सुरक्षित महसूस करते हैं। उतना ही...
जनमत

जहाँ केवल मूर्ति पूजी जाएगी वहाँ जनता भूख से मरेगी

समकालीन जनमत
 नित्यानंद गायेन बीते 11 अक्टूबर को जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) के रिपोर्ट के अनुसार भाजपा शासित झारखंड राज्य की आधी से अधिक आबादी भुखमरी...
ख़बर

भदोही में ऐपवा नेताओं पर हमला और जमीन कब्ज़ा के खिलाफ महाधरना 2 जनवरी को

वाराणसी. भदोही जिले में 9 दिसम्बर को ऐपवा नेता गैना गौतम और सुभावती गौतम पर हमला कर घायल करने की घटना में कोई कार्रवाई  नहीं...
सिनेमा

‘ सिनेमा जैसे माध्यम पर चंद लोगों का कब्जा है ’

समकालीन जनमत
रिंकू परिहार उदयपुर. उदयपुर के महाराणा कुंभा संगीत सभागार में 28 दिसम्बर को छठे उदयपुर फिल्म फेस्टिवल का उदघाटन करते हुए युवा फिल्मकार पवन श्रीवास्तव...
ख़बर

छात्र-युवा दिल्ली में करेंगे “यंग इंडिया अधिकार मार्च”

नई दिल्ली। 29-30 नवंबर को देशभर के 206 किसान संगठनों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले दिल्ली में अपनी मांगों को...
ख़बर

‘ साधु ने कहा बाल्टी क्यों छुए और फिर लाठी से मारने लगा ’

इलाहाबाद। कुंभ मेला क्षेत्र में दलित सफाई कर्मी आशादीन को बाल्टी चूने पर साधू द्वारा की गई पिटाई के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज...
ज़ेर-ए-बहस

न्यायपालिका से जुड़े कुछ अहम सवाल

रवि भूषण
कार्यपालिका और व्यवस्थापिका के अतिरिक्त न्यायपालिका लोकतंत्र का एक प्रमुख अंग है। न्यायपालिका का मुख्य कार्य सबको समान रूप से न्याय प्रदान करना है जो...
नाटक

‘ रंग ए माहौल ’ के आखिरी दिन ‘ शहर हमारा अपराध नगर हो गया है ‘ और ‘ हसीनाबाद ‘ का मंचन

समकालीन जनमत
बेगुसराय. द फैक्ट आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी, बेगुसराय द्वारा आयोजित सातवाँ ‘ रंग ए माहौल’ के अंतिम दिन दो नाटक- ‘ शहर हमारा अपराध नगर...
जनमत

भारत में राजनीतिक बदलाव का वाहक बनता किसान

पुरुषोत्तम शर्मा
घाटे की खेती के कारण पिछले डेढ़ दशक के दौरान साढ़े तीन लाख से ज्यादा किसानों की आत्महत्या और क्रूर सरकारी दमन के बाद संगठित...
ख़बर

‘ बेटी होती तो आज उसका पुलिस भर्ती का मेडिकल दिलवाने जाता ’

लखनऊ 27 दिसंबर.  ‘ सुबह 9 बजे के करीब मालूम चला कि गोल्डी घर से थोड़ी दूर सीताराम बाग में समाधि के पास बेहोश पड़ी...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

मिर्जा ग़ालिब और उनका ‘ चिराग-ए-दयार ’

अभिषेक मिश्र “ हैं और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे कहते हैं कि ग़ालिब का है अन्दाज़-ए बयां और” मिर्जा ग़ालिब अथवा मिर्ज़ा असदउल्ला बेग...
Fearlessly expressing peoples opinion