समकालीन जनमत
ख़बर

‘ दलित-मुस्लिम मिलकर करेंगे सांप्रदायिक फासीवाद का मुकाबला ’

 

रविवार को वाराणसी के शास्त्रीघाट, कचहरी पर हुआ पूर्वांचल स्तरीय दलित मुस्लिम जन एकता सम्मेलन

दलितों, मुस्लिमों पर कहीं भी हमले के खिलाफ, दलित-मुस्लिम समाज साथ-साथ उतरेगा सड़कों पर बनारस में

सम्मेलन को प्रख्यात रंगकर्मी प्रो. शमसुल इस्लाम व माले विधायक सत्यदेव राम ने संबोधित किया

वाराणसी , 19 फरवरी. इंसाफ मंच (उ.प्र.), एबीएसएस, भाकपा (माले), रिदम आल इंडिया इदरीसी अधिकार मंच, अलकुरेश वेलफेयर सोसायटी, आल इंडिया सेकुलर फोरम, महिला जागृति समिति, जन अधिकार मंच, वीर अब्दुल हमीद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 18 फरवरी को शास्त्रीघाट पर दलित-मुस्लिम-जन एकता सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में मऊ, जौनपुर, अहरौरा, मुबारकपुर, मुगलसराय, चंदौली आद से दलित-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शिरकत की. वाराणसी के विभिन्न तबकों से भी बड़ी तादात में हिस्सेदारी देखी गयी.

सम्मेलन को मुख्य रूप से प्रख्यात रंगकर्मी व इतिहासकमीर् डा. शमसुल इस्लाम ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी (आरएसएस) द्वारा इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। एक साजिश के तहत देश को नफरत की राजनीति की प्रयोगशाला बनाया जा रहा है। आज चौतरफा दलितों-मुस्लिमों पर हो रहे हमलों का जवाब इन समाजों की चट्टानी एकता के रूप में दिया जाएगा।

सम्मेलन को बिहार के माले विधायक सत्यदेव राम ने संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा फासीवादी, तानाशाही के दौर में दलित-मुस्लिम एकता की नींव बनारस में पड़ी है. देश के लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए सिर्फ पीड़ित समुदायों की एकता व संघर्ष ही रास्ता है। अब बनारस के अलावा पूरे पूर्वांचल में इस एकता को बनाने के लिए जगह-जगह किए जाने वाले सम्मेलन इस दशा में एक मजबूत कदम हैं।

 

सम्मेलन को एस.एन. प्रसाद (एबीएसएस) ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के हिंदू राष्ट्रवाद में गरीब, दलित और मुसलमानों के लिए कोई स्थान नहीं है। सरकारी संरक्षण के कारण मनुवादी-सामंती ताकतों का हौसला बुलंद है। दलितों-मुस्लिममों की हत्याओं व उनपर हमलों का जवाब अब दोनों समुदायों के लोग सड़क पर साथ-साथ उतर कर देंगे।

सम्मेलन को अमान अख्तर (इंसाफ मंच), अनूप श्रमिक (रिदम), अब्दुल सलाम (मऊ), अनिल मौर्या (जन अधिकार मंच), सुमन देवी (दलित फाउंडेशन, मो. अकील (वीर अब्दुल हमीद फाउंडेशन), हाजी इकरामुल कुरैशी (अल कुरैश वेलफेय़र सोसायटी), फजलुर रहमान (आल इंडिया इदरीसी अधिकार मंच), टी. राम (एबीएसएस), रत्नाकर (एड.), जाँनिसार अख्तर, आदि थे। संचालन भाकपा (माले) नेता मनीष शर्मा ने किया।

Related posts

1 comment

Comments are closed.

Fearlessly expressing peoples opinion